आसमान में उड़ान भरेगा डिंगमंडी का छोरा
सिरसा। जुनून, जज्बा व कुछ कर गुजरने का मादा हो तो किसी भी लक्ष्य को आसानी से पाया जा सकता है। लक्ष्य निर्धारित करना ही काफी नहीं है, उसके प्रति समर्पित होना भी जरूरी है। वर्तमान पीढ़ी मोबाइल व नशे को त्यागकर अपने लक्ष्य पर ध्यान दे तो मंजिल मिलने में जरा भी देर नहीं लगेगी। उक्त बातें वायुसेना में चयनित होकर लौटे गांव डिंगमंडी निवासी साहिल सुथार पुत्र विनोद कुमार ने अपने वक्तव्य में कही। अभिभावकों व ग्रामीणों ने बेटे की सफलता पर मुंह मीठा करवाकर बधाई व उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
साहिल सुथार ने बताया कि उनके गांव की मिट्टी में सेना के लिए एक जज्बा है, जोकि लगातार युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन रही है। इसी मिट्टी ने उसे वायुसेना में जाने के लिए लगातार प्रेरित किया। सुथार ने बताया कि उसकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के निजी स्कूल में हुई। इसके बाद वह आगामी पढ़ाई के लिए भट्टू मंडी स्थित सतलुज पब्लिक स्कूल में चला गया। 9वीं कक्षा की पढ़ाई के दौरान ही अनेक प्रकार के एयरक्राफ्ट को देखकर उसके मन में वायुसेना में जाने की हिलौरें उठने लगी। उसने ठान लिया था कि चाहे जो भी हो जाए, बस वायुसेना में जाना है। अभिभावकों के लगातार प्रोत्साहन, अपनी मेहनत व लगन से उसने इस लक्ष्य को प्राप्त कर अभिभावकों व गांव के साथ-साथ जिले के गौरव को बढ़ाया।
अभिभावकों व गुरुजनों को दिया सफलता का श्रेय:
साहिल सुथार ने बताया कि उसने लक्ष्य तो निर्धारित कर लिया था, लेकिन मन में उथल-पुथल मची हुई थी कि क्या होगा। लेकिन लगातार अभिभावकों उसके पिता विनोद कुमार, माता सोमी देवी, दादा महावीर प्रसाद ने उसे लगातार प्रोत्साहित किया। लगातार उसे एकाग्रचित होकर प्रेरणा दी, जिसका परिणाम आज सभी के सामने है। साहिल सुथार ने बताया कि उनकी गांव में पड़दादा अमीलाल मांडन के नाम से अच्छी पहचान है। परिवार के साथ-साथ ग्रामीणों ने भी साहिल की सफलता पर परिवार को बधाई व साहिल को बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
युवा मोबाइल व नशे से दूर रहकर करें मेहनत:
साहिल सुथार ने युवा पीढ़ी के लिए अपने संदेश में कहा कि वर्तमान में युवा पीढ़ी मोबाइल व नशे की लत में पडक़र लक्ष्य से भटक रही है। उसने कहा कि युवा अगर मोबाइल से हटकर व नशे को त्यागकर अपने लक्ष्य की ओर एकाग्रचित होकर ध्यान दें तो किसी भी लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है।